कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी
भारत में हर साल लगभग 11 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें से दो-तिहाई मामलों का निदान बाद के चरण में होता है। इससे रोगियों की जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। लगभग 50% मामलों में देर से पता चलने का कारण अशिक्षा, जागरूकता की कमी, डर और कलंक है। ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर की जानकारी और शीघ्र निदान की सुविधाएं सीमित हैं।
नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर का आयोजन
मुख्य चिकित्सा अधिकारी- बस्ती के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बनकटी, बस्ती में बुधवार को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 113 लोगों की जांच डॉ. सी. पी. अवस्थी और डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने की। मरीजों को स्वास्थ्य समस्याओं पर उचित परामर्श एवं निशुल्क दवाएं दी गईं।
कैंसर जागरूकता और प्रशिक्षण
स्वास्थ्य केंद्र के ए.एन.एम., संगिनी, आशा कार्यकर्ताओं को कैंसर के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। शिविर प्रशासक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय महिलाएं पेटीकोट को अधिक टाइट बांधने के कारण 'पेटीकोट कैंसर' का खतरा होता है। उन्होंने महिलाओं को ढीले कपड़े पहनने की सलाह दी।
डॉक्टरों की सलाह और जागरूकता
डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि इन शिविरों का उद्देश्य केवल स्क्रीनिंग नहीं, बल्कि महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा और स्तन कैंसर के बारे में जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि समय पर कैंसर की पहचान और उपचार शुरू करने से यह ठीक हो सकता है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सराहनीय भूमिका
शिविर में डॉ. राजेश कुमार, प्रेमचंद्र पांडेय, यादवेंद्र, सत्यवती तिवारी और अन्य कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा। सभी लोगों को कैंसर जागरूकता के लिए पत्रक और विवरण पुस्तिका वितरित की गईं, ताकि वे अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक कर सकें।