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पुरानी रंजिश में धारदार हथियार से हमला

जनपद सिद्धार्थनगर के त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के पड़िया गांव में शुक्रवार रात एक भतीजे ने पुरानी रंजिश के चलते अपने बड़े पापा की बेरहमी से हत्या कर दी। धारदार हथियार से सिर और गले पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई, जबकि परिवार में कोहराम मच गया।

सोते समय भतीजे ने किया हमला

पड़िया गांव निवासी जगराम उर्फ डेबई (60) पुत्र सत्तन शुक्रवार रात घर के बाहर बने छप्पर में सो रहे थे। रात करीब 10 बजे उनका भतीजा अजय उर्फ अभिषेक पुत्र जवाहर वहां पहुंचा और पुरानी रंजिश के चलते धारदार हथियार से उनके सिर और गले पर हमला कर दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर 

गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया

जगराम के चीखने की आवाज सुनकर परिवार और गांव के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन इससे पहले ही अजय वहां से फरार हो गया। बेटे सुभाष ने तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी और पिता को सीएचसी सिरसिया लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने जगराम को मृत घोषित कर दिया

गांव में दहशत, पुलिस ने दर्ज किया हत्या का केस

हत्या की सूचना मिलते ही शनिवार सुबह फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। घटना के बाद से गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। मृतक के बेटे सुभाष की तहरीर पर त्रिलोकपुर पुलिस ने आरोपी अजय उर्फ अभिषेक के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है।

पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा शव, जांच जारी

त्रिलोकपुर थानाध्यक्ष मृत्युंजय पाठक ने बताया कि हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

महराजगंज,नीलू दुबे : नेपाल के वीरगंज स्थित जनकपुर धाम महेंद्र नारायण निधि संस्थान में रविवार शाम भारत के प्रसिद्ध छऊ नृत्य का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। इस सांस्कृतिक आयोजन में भारतीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास का संयुक्त आयोजन

यह आयोजन नेपाल में स्थित भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इसके लिए नई दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन (ICCR) के कुशेश्वर ठाकुर के नेतृत्व में एक विशेष दल नेपाल पहुंच चुका है। जनकपुर स्थित सांस्कृतिक केंद्र में इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं।


शनिवार देर शाम नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने सांस्कृतिक केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल की पारस्परिक संस्कृति और सभ्यता के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।

छऊ नृत्य: विरासत में शामिल एक अनूठी कला

छऊ नृत्य भारत के ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। इसकी उत्पत्ति ओडिशा के मयूरभंज जनपद से मानी जाती है। पश्चिम बंगाल में इसे पुरुलिया छऊ और झारखंड में सरायकेला छऊ के रूप में जाना जाता है। इस नृत्य की विशेषता इसे अन्य लोकनृत्यों से अलग बनाती है। यही कारण है कि छऊ नृत्य को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है।

बसंत नवरात्रि में छऊ नृत्य का विशेष महत्व

छऊ नृत्य का महत्व बसंत ऋतु के चैत्र नवरात्र में अधिक बढ़ जाता है। पुराणों के अनुसार, यह नृत्य भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ माना जाता है। नेपाल में महादेव और देवी की गहरी श्रद्धा होने के कारण इस नृत्य को वहां विशेष श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले नेपाल के राजनेता व पूर्व सीएम

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद स्थित तुलसीपुर माता पाटेश्वरी देवी शक्ति पीठ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नेपाल के लुंबिनी राज्य के राजनेताओं ने भेंट की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को जनकपुर, नेपाल स्थित जानकी मंदिर का चित्र सौंपा।


भारत-नेपाल के मजबूत रिश्तों पर चर्चा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश और नेपाल के लुंबिनी राज्य के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों की जीवंतता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले भी मधुर थे, आज भी मधुर हैं और आगे भी प्रगाढ़ बने रहेंगे।

लुंबिनी के पूर्व मुख्यमंत्री डी.बी. चौधरी ने भी रिश्तों को और सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच संबंध निभाने की परंपरा रही है, जिससे सदियों से आपसी सौहार्द बना हुआ है। इस दौरान मधेस प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश सिंह, पूर्व मंत्री के.सी. गुप्ता और पूर्व सांसद अभिषेक प्रताप शाह भी मौजूद रहे।

योगी आदित्यनाथ बलरामपुर जनपद में पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने पाटेश्वरी शक्ति पीठ में दर्शन किए।


नेपाल के लुंबिनी का राज्य पुष्प बनेगा टेसू फूल?

उत्तर प्रदेश के वन्य क्षेत्रों में बहुतायत से मिलने वाले टेसू (पलाश) पुष्प को नेपाल के लुंबिनी प्रदेश का राज्य पुष्प बनाने की मांग उठी है।

कृष्णानगर नगर निकाय के मेयर रजत प्रताप शाह ने इस संबंध में लुंबिनी प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रस्ताव सौंपा है। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को नेपाल की केंद्रीय प्रतिनिधि सभा को भेज दिया है, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

गौरतलब है कि टेसू फूल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी है। नेपाल का लुंबिनी राज्य मधेसी जनपदों से मिलकर बना है, जहां के लोगों के वैवाहिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संबंध उत्तर प्रदेश से गहरे जुड़े हुए हैं।

रिपोर्ट : नीलू दुबे ,महराजगंज

सिद्धार्थनगर में प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा केंद्र का शुभारंभ

सिद्धार्थनगर। जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई पहल के तहत मान्या हेल्थकेयर न्यूरोपैथी, प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा केंद्र का शुभारंभ किया गया। शोहरतगढ़ तहसील के महदेवा नानकर में स्थित इस केंद्र का उद्घाटन हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने किया।




प्राकृतिक चिकित्सा से बिना दवा के उपचार संभव

इस अवसर पर प्राकृतिक एवं योग चिकित्सक डॉ. अनिल चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि न्यूरोपैथी, क्रायोप्रेटिक विधि, प्राकृतिक चिकित्सा और जीवनशैली में सुधार के जरिए कई गंभीर और दीर्घकालिक बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बीपी, शुगर, गठिया, सायटिका, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, गैस, कब्ज जैसी बीमारियों का इलाज बिना दवा के संभव है।

डॉ. अनिल ने खानपान और जीवनशैली में सुधार को स्वास्थ्य का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि मनुष्य को छोड़कर कोई भी जीव किसी अन्य प्राणी का दूध नहीं पीता। उन्होंने दूध के अत्यधिक सेवन को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या हमारी हड्डियां और इम्यूनिटी भैंस, घोड़े या हाथी से अधिक मजबूत है? उन्होंने बताया कि कई ऐसी चीजें हैं जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी हैं, लेकिन अनजाने में हमें नुकसान पहुंचा रही हैं।


स्वास्थ्य जागरूकता को मिलेगा बढ़ावा

प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना का उद्देश्य लोगों को दवाओं के बिना स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस केंद्र में विशेष रूप से योग, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा और न्यूरोपैथी के जरिए मरीजों को स्वस्थ जीवन जीने के उपाय बताए जाएंगे।


उद्घाटन समारोह में गणमान्य लोगों की उपस्थिति

इस शुभारंभ कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से लवकुश ओझा एपी श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव,  दीपक श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, रानू श्रीवास्तव, डब्ल्यू जैसवाल, दुर्गेश निषाद, कक्का तिवारी, दिव्य श्रीवास्तव और कान्हा शामिल थे।


बेटी बचाओ जन आंदोलन के तहत निकाली गई पदयात्रा

सिद्धार्थनगर। बुधवार को मेडिकेयर हॉस्पिटल फाउंडेशन के तत्वावधान में बेटी बचाओ जन आंदोलन के तहत एक भव्य पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा रामलीला मैदान से गुरुनानक अकादमी तक निकाली गई, जिसका नेतृत्व फाउंडेशन के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गणेश राख ने किया। इस यात्रा में स्थानीय नागरिकों, छात्र-छात्राओं, समाजसेवियों, शिक्षाविदों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 


बेटी बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत

डॉ. गणेश राख ने बताया कि बेटी बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत 3 जनवरी 2012 को पुणे से हुई थी। उन्होंने यह अभियान समाज में बेटियों के प्रति फैली नकारात्मक सोच को बदलने के उद्देश्य से शुरू किया था। उन्होंने बताया कि उनके पुणे,महाराष्ट्र स्थित अस्पताल में लड़की के जन्म पर प्रसव का पूरा बिल माफ किया जाता है और बच्ची के जन्म का उत्सव भी मनाया जाता है। 

अब तक 3,000 से अधिक हो चुका है मुफ्त प्रसव
इस अनोखी पहल के तहत अब तक 3,000 से अधिक मुफ्त प्रसव कराई जा चुकी है। यह आंदोलन भारत ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, नाइजीरिया और कांगो जैसे देशों तक भी फैल चुका है। वर्तमान में इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए देशभर में 13,000 से अधिक सामाजिक संस्थाएं और 25,000 से अधिक वालंटियर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। 

समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने का आह्वान
डॉ. गणेश राख ने कहा कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज को यह संदेश देना है कि बेटियां अभिशाप नहीं, बल्कि वरदान हैं। आयोजकों का मानना है कि बेटियों को सम्मान और समान अवसर देने के लिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है, जिसके लिए हर व्यक्ति को आगे आना होगा। 

गणमान्य नागरिक रहे उपस्थित
इस अवसर पर नीलम श्रीवास्तव, योगेश, हिना परवीन, दुर्गेश श्रीवास्तव, रिंकू श्रीवास्तव, प्रतीक्षा पांडेय, प्रतीक सिंह सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

रिपोर्ट : अंकित अग्रहरि 

ओली चीन के करीब, प्रचंड ने फिर उठाया नरसंहार का मुद्दा

नीलू दुबे, महराजगंज। नेपाल में राजशाही समर्थकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोकतांत्रिक दलों ने अपनी पुरानी रणनीतियों को दोबारा अपनाना शुरू कर दिया है। माओवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने राजपरिवार नरसंहार के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की, जबकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के बहाने चीन से नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास किया। हालांकि, अब नेपाल के लोग, विशेष रूप से मधेसी समुदाय, इन दलों की रणनीतियों को महत्वहीन मानने लगे हैं।


25 साल बाद भी नहीं सुलझा राजपरिवार नरसंहार मामला

नेपाल में लगभग 25 साल पहले हुए राजपरिवार नरसंहार की सच्चाई अब तक सामने नहीं आ सकी है। जब प्रचंड पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब भी इस मामले की जांच नहीं की गई और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


प्रचंड का आरोप: "ज्ञानेंद्र स्वर्ण माफिया"

हाल ही में नेपाल-चीन सीमा पर सिंधुपाल चौक में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रचंड ने मौजूदा नरेश ज्ञानेंद्र विक्रम शाह को नरसंहार के लिए दोषी ठहराया और उन्हें "स्वर्ण माफिया" तक कह दिया। हालांकि, नेपाली जनता इसे राजनीतिक चाल समझ रही है।

वहीं, ओली बीआरआई के बहाने चीन के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में कास्ठमंडप संवाद में उन्होंने नेपाल-चीन के प्रगाढ़ संबंधों को लेकर कई बयान दिए।


योगी आदित्यनाथ के पोस्टर से घबराई ओली सरकार

नेपाल मामलों के जानकार यशोदा श्रीवास्तव के अनुसार, ओली सरकार की यह प्रतिक्रिया हाल ही में काठमांडू के नारायणहिटी राजदरबार के सामने ज्ञानेंद्र विक्रम शाह के समर्थन में उमड़ी भारी भीड़ के बाद आई है।

इससे पहले, नेपाल में योगी आदित्यनाथ के समर्थन में पोस्टर लहराए जाने से ओली सरकार पहले से ही असहज थी। ओली सरकार अब मधेसी इलाकों में चीन समर्थक विचारधारा के प्रचार में जुट गई है।

हालांकि, नेपाल में अधिकांश विकास कार्य भारत के सहयोग से ही चल रहे हैं, जिसमें यातायात, कृषि और शिक्षा से जुड़ी कई परियोजनाएं शामिल हैं।


आनंदीबेन पटेल ने नेपाल के छात्रों का किया समर्थन

17 मार्च को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नेपाल से सटे भारतीय जिलों महराजगंज और सिद्धार्थनगर के दौरे पर थीं। उन्होंने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में कहा कि यह संस्थान नेपाल के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन रहा है।


नेपाल में राजशाही को लेकर बढ़ते समर्थन से लोकतांत्रिक दलों की बेचैनी साफ झलक रही है। आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति और अधिक उथल-पुथल भरी हो सकती है

क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता

नेपाल क्राइम ब्रांच ने 18 मार्च मंगलवार को दोपहर के समय भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा बरामद की है। यह बरामदगी गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी के दौरान हुई।

प्रतीकात्मक चित्र 

चीन भेजने की थी योजना

प्रारंभिक जांच के अनुसार, कंटेनर के माध्यम से भारी मात्रा में नकदी को सिंधु पोलक बॉर्डर से चीन भेजने की योजना थी। यह नेपाल में पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा पकड़ी गई है।

कंटेनर से करोड़ों की विदेशी करेंसी जब्त

नेपाल क्राइम ब्रांच के एसएसपी रमेश बस्नेत ने बताया कि जब्त किए गए कंटेनर का नंबर 1 ख 1632 था। इसमें से 3,20,385 अमेरिकी डॉलर और 13,75,000 यूरो बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत 25 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है।

कैसे पहुंची नेपाल इतनी बड़ी रकम?

अब जांच का मुख्य बिंदु यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा नेपाल में कैसे पहुंची और इसे चीन क्यों भेजा जा रहा था।

दो आरोपी गिरफ्तार, पहचान गोपनीय

इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उनकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के हित में आरोपियों की जानकारी गोपनीय रखी गई है।

रिपोर्ट: नीलू दुबे, महाराजगंज